GC डेवलपर उत्पादकता और इटरेशन गति बढ़ाता है क्योंकि मेमोरी प्रबंधन का भारी काम रनटाइम संभालता है।
आपको हर API में लाइफटाइम और उधार नियमों का मानसिक मॉडल ढोना नहीं पड़ता, इसलिए डिज़ाइन और रिफैक्टरिंग अधिक स्वाभाविक बनते हैं। प्रोटोटाइप से प्रोडक्शन तक यात्रा तेज होती है, खासकर जब डेटा‑संरचनाएँ बार‑बार बदलती हैं या इंटरफ़ेस विकसित हो रहा हो। JVM/.NET/Go जैसे GC रनटाइम्स के चारों ओर परिपक्व प्रोफाइलिंग, डिबगिंग और ट्यूनिंग टूलिंग उपलब्ध है, जिससे फीडबैक लूप छोटा रहता है। नतीजा: टीम का ध्यान डोमेन लॉजिक पर रहता है, न कि मेमोरी बुक‑कीपिंग पर।
आधुनिक GC उच्च थ्रूपुट के साथ मिलीसेकंड‑स्तर की विराम अवधि (pauses) प्रदान कर सकता है।
बम्प‑पॉइंटर एलोकेशन और जनरेशनल कलेक्शन से अधिकांश ऑब्जेक्ट्स के अल्पजीवी होने के पैटर्न का लाभ उठाकर एलोकेशन बेहद तेज हो जाती है। ZGC और Shenandoah जैसे कलेक्टर heap आकार से लगभग स्वतंत्र single‑digit मिलीसेकंड pauses को लक्षित करते हैं, जबकि Azul C4 जैसे डिज़ाइन लगभग ‘pauseless’ व्यवहार दिखाते हैं। वेबसर्विसेस और कम‑लेटेंसी सिस्टम में यह व्यावहारिक रूप से पर्याप्त होता है, क्योंकि GC कार्य का बड़ा हिस्सा concurrent रूप से बैकग्राउंड में होता है। हाँ, कुछ अतिरिक्त मेमोरी हेडरूम चाहिए, पर उसके बदले प्राप्त थ्रूपुट और latency प्रोफ़ाइल अक्सर बेहतर ट्रेड‑ऑफ सिद्ध होती है।
GC समांतरता को सरल करता है क्योंकि मेमोरी reclamation, ABA जैसे जाल और hazard pointers/epochs की जटिलता से मुक्ति मिलती है।
लॉक‑फ्री या हाई‑कनकरेंसी संरचनाओं में आप एल्गोरिदम की शुद्धता पर ध्यान दे सकते हैं, रीक्लेमेशन प्रोटोकॉल पर नहीं। क्रॉस‑थ्रेड ओनरशिप ट्रांसफ़र, कैशिंग, और वर्क‑स्टीलिंग जैसी रणनीतियाँ सरल हो जाती हैं क्योंकि ऑब्जेक्ट कब मुक्त होगा, यह रनटाइम तय करता है। इससे हाइजेनबग्स और दुर्लभ टाइ밍‑निर्भर use‑after‑free त्रुटियों की गुंजाइश घटती है। बरो चेकर मजबूत गारंटी देता है, पर कई समांतर पैटर्नों में उसके मॉडल में फिट होने के लिए कोड को मोड़ना पड़ता है; GC वहाँ स्वाभाविकता देता है।
GC वर्ग‑स्तर पर use‑after‑free, डैंगलिंग‑पॉइंटर और डबल‑फ्री जैसी त्रुटियाँ समाप्त कर सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाता है।
उद्योग रिपोर्टों में बार‑बार दिखा है कि बड़े प्लेटफ़ॉर्मों में सुरक्षा दोषों का बड़ा हिस्सा मेमोरी‑सेफ़्टी से जुड़ा होता है—उदाहरण के लिए Microsoft और Google/Chrome ने ~70% तक के आँकड़े साझा किए हैं। GC इन श्रेणियों को भाषा स्तर पर ही खत्म कर देता है, इसलिए डिफ़ॉल्ट रूप से सुरक्षित कोड लिखना आसान होता है। बरो चेकर भी यह सुरक्षा दे सकता है, पर उसके लिए लाइफटाइम मॉडलिंग और एनोटेशनों की कड़ी अनुशासन की ज़रूरत होती है; GC वही लाभ कम बोझ के साथ देता है, खासकर डायनेमिक और प्लग‑इन भारी प्रणालियों में। गलत मुक्त करने की जगह अगर दबाव बढ़े तो आपको एक स्पष्ट OOM दिखता है, जो डिबग करने में सरल और पूर्वानुमेय विफलता‑मोड है।