JSON की सादगी और निर्धारक सिंटैक्स बग्स और अस्पष्टता को घटाती है।
RFC 8259 और ECMA-404 द्वारा परिभाषित कठोर नियम सुनिश्चित करते हैं कि अलग-अलग इम्प्लीमेंटेशन एक जैसे पार्स-ट्री दें। JSON में न इम्प्लिसिट टाइपिंग है, न एंकर/टैग जैसी जटिलताएँ, इसलिए 'yes' या 'on' जैसी स्ट्रिंग्स अनजाने में बूलियन नहीं बनतीं। व्हाइटस्पेस-इनसेंसिटिव संरचना और अनिवार्य डबल-क्वोटिंग के कारण डिफ/मर्ज स्थिर और पूर्वानुमेय रहते हैं। यही सादगी कोड-रिव्यू, डिबगिंग और ऑटो-फॉर्मेटिंग को भरोसेमंद बनाती है।
सरल ग्रामर के कारण JSON का पार्सिंग तेज और हमला-सतह छोटी होती है।
कम नियमों और सीमित फीचर-सेट के कारण JSON पार्सर हल्के, स्ट्रीमिंग-फ्रेंडली और सामान्यतः कम CPU/मेमोरी उपयोग वाले होते हैं। फीचर-समृद्ध, कंट्रोल-फ्लो जैसे कॉन्सेप्ट्स की अनुपस्थिति JSON को 'डेटा-ओनली' बनाती है, जिससे खतरनाक डी-सीरियलाइज़ेशन पाथ्स की संभावना घटती है। परिणामस्वरूप API गेटवे, लॉग पाइपलाइन और सर्वरलेस फंक्शनों में थ्रूपुट/लेटेन्सी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सुरक्षा टीमें छोटे अटैक-सर्फेस वाले डेटा-फॉर्मैट को प्राथमिकता देती हैं।
JSON वेब और प्रोग्रामिंग इकोसिस्टम का डिफॉल्ट है, इसलिए टूलिंग और इंटरऑप बेहतरीन हैं।
ब्राउज़र में JSON.parse/JSON.stringify से लेकर Node/Deno, Python, Go, Java तक यह भाषा-स्तरीय सपोर्ट पाता है। PostgreSQL की JSONB, MongoDB, Elasticsearch और अधिकांश ऑब्ज़र्वेबिलिटी/लॉगिंग स्टैक (NDJSON) सीधे JSON बोलते हैं। यह सर्वव्यापकता इंटीग्रेशन लागत घटाती है—कम अडैप्टर, कम ग्लू-कोड, और आउट-ऑफ-द-बॉक्स लिंटिंग/फॉर्मैटिंग। डेवलपर अनुभव सरल होता है: वही फॉर्मैट क्लाइंट, सर्वर और स्टोरेज में बिना रूपान्तरण के बहता है।
JSON के लिए स्कीमा, वैलिडेशन और कोड-जनरेशन का परिपक्व स्टैक डिलीवरी को तेज करता है।
JSON Schema व्यापक रूप से अपनाया गया मानक है, जिसके लिए AJV, Fastify, OpenAPI और अनेक लैंग्वेज बाइंडिंग्स उपलब्ध हैं। CI/CD में स्कीमा-आधारित वैलिडेशन से ब्रेकिंग-चेंज तुरंत पकड़े जाते हैं और टाइप-सेफ SDKs/DTOs स्वतः जेनरेट हो जाते हैं। API जगत में चाहे स्पेसिफिकेशन YAML फाइल में लिखी जाए, मूल वैलिडेशन-डायलेक्ट JSON Schema ही रहता है—यानी स्रोत-सत्य JSON की संगति है। इससे कॉन्ट्रैक्ट-फर्स्ट डेवलपमेंट, टेस्ट-जनरेशन और डॉक्यूमेंटेशन सब सुव्यवस्थित होते हैं।