कुत्ते की वफ़ादारी और निरंतर सहचर्य भारतीय परिवार-केंद्रित मूल्यों के साथ सबसे स्वाभाविक मेल बैठता है।
हमारे समाज में रिश्तों की गरिमा, वचन-निष्ठा और साथ निभाने को उच्च मूल्य माना जाता है—कुत्ता इन्हीं गुणों का जीवंत प्रतीक है। वह दरवाज़े तक छोड़ने–लाने, खुशी-दुख में साथ देने और हर बुलावे पर तत्पर रहने से घर में अपनापन भर देता है। बुज़ुर्गों के लिए वह सुरक्षा और संगत दोनों है, और बच्चों के लिए धैर्यवान दोस्त। बिल्लियाँ भी स्नेही होती हैं, पर कुत्ता मनुष्य-केंद्रित संवाद में पहल करके परिवार को रोज़मर्रा में सक्रिय रूप से जोड़ता है।
डॉग-ओनर रोज़ औसतन 3,000–5,000 अतिरिक्त कदम चलते हैं और 30–45 मिनट अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं।
सुबह-शाम की सैर, मोहल्ले के पार्क में खेल और नियमित टहलना—कुत्ता आपकी दिनचर्या में स्वाभाविक गतिविधि जोड़ देता है। यह सतत हलचल वजन-नियंत्रण, बेहतर नींद और तनाव-नियमन में मदद करती है। भारत जैसे तेज़-रफ़्तार शहरी जीवन में यह ‘माइल्ड पर कंसिस्टेंट’ एक्सरसाइज़ अत्यंत व्यावहारिक है। इस वजह से स्क्रीन-टाइम घटता है और सूरज की रोशनी व ताज़ी हवा का रोज़ का डोज़ मिलता है।
अध्ययनों के अनुसार कुत्ता पालने वालों में समग्र मृत्यु-जोखिम लगभग 24% कम होता है, और हार्ट-अटैक/स्ट्रोक के बाद 33%/27% बेहतर जीवित रहने के आँकड़े मिले हैं।
2019 की एक बड़े पैमाने की मेटा-विश्लेषण (लगभग 38 लाख प्रतिभागी) ने डॉग-ओनरशिप को ऑल-कॉज़ मॉर्टैलिटी में सार्थक कमी से जोड़ा। कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं के बाद, कुत्ते के साथ नियमित चलना और भावनात्मक सहारा रक्तचाप, तनाव और एकाकीपन को घटाकर रिकवरी को सहारा देता है। यह ‘रूटीन + रिलेशन’ का ऐसा संयोजन है जो मेडिकली भी मायने रखता है। यानी पालतू सिर्फ खुशी नहीं देता, दीर्घकालिक स्वास्थ्य में निवेश भी सिद्ध होता है।
कुत्ते की सूंघने की क्षमता इंसान से लगभग 10,000–100,000 गुना अधिक होती है, जो घर-परिवार और समाज की सुरक्षा में ठोस बढ़त देती है।
गंध-पहचान और सतर्कता के कारण कुत्ते संभावित खतरे पर तुरंत चेतावनी देते हैं—यह गुण भारतीय घरों और बस्तियों में वास्तविक सुरक्षा-लाभ में बदलता है। यही वजह है कि पुलिस, सीमा-बल और आपदा-राहत इकाइयाँ कुत्तों को विस्फोटक, मादक पदार्थ और रेस्क्यू मिशन में भरोसेमंद साथी मानती हैं। आम परिवार के लिए भी यह ‘अर्ली-वार्निंग सिस्टम’ जैसा काम करता है। सुरक्षा का यह भरोसा मानसिक सुकून और सामुदायिक आत्मविश्वास बढ़ाता है।